अमेरिकी कांग्रेशनल सर्विस की हाल ही में आई रिपोर्ट में ये कहा गया है कि अगर ग्रीन कार्ड के लिए देश में कोटा हटा दिया जाए भारत और चीन जैसे देशों के लोग इस दौड़ में अधिक संख्या में आगे आएंगे। ग्रीन कार्ड लोगों को अमेरिका में स्थायी रूप से बसने और काम करने की अनुमति देता है। कोटा के कारण ग्रीन कार्ड के लिए सबसे अधिक इंतजार चीनी कर्मियों को करना पड़ता है। उन्हें 11 साल 7 महीने तक इंतजार करना होता है। वहीं भारतीय कर्मियों के लिए ये समय सीमा 9 साल 10 महीने है। वहीं जिन देश के लोगों को कम समय में ग्रीन कार्ड मिल जाता है, उनमें एल सल्वाडोर/ग्वाटेमाला/होंडुरास के लोगों को 2 साल 10 महीने, वियनाम के लोगों को 2 साल 8 महीने, मैक्सिको के लोगों को 2 साल और अन्य को 1 साल 6 महीने का इंतजार करना होता है।
यह बात ध्यान रखने योग्य है कि नौकरी और परिवार आधारित ग्रीन कार्ड के सालाना कोटा का 7 फीसदी एक ही देश के आवेदकों को मिल जाता है। और केवल 10 हजार वीजा ही प्रति वर्ष "अन्य" और "अकुशल श्रमिकों" जैसे कुछ वर्गों में लोगों को मिल पाता है।
साथ ही अगर एक ही देश के लोग एक ही श्रेणी के लिए आवेदन करें तो भी अधिक समय लग सकता है। अप्रैल, 2018 के अनुसार 306,601 कुल भारतीयों में से अधिकतर आईटी प्रोफेशनल थे, जो ग्रीन कार्ड के लिए लाइन में थे। केवल एक ही श्रेणी के लिए ग्रीन कार्ड लेने वाले विदेशी लोगों की संख्या 395,025 थी। यानी भारतीयों की संख्या इसमें 78 फीसदी थी। ये आंकड़ा रोजगार के आधार पर आवेदन करने वाले लोगों का है।
अब कुछ नेता इन कोटा में से कुछ को खत्म करने की योजना बना रहे हैं। कोटा हटने से भारतीयों और चीनी लोगों की संख्या ग्रीन कार्ड लेने वालों में बढ़ सकती है। भारत से ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने वालों में कुशल श्रमिक, प्रोफेशनल और अन्य श्रमिक होते हैं। जबकि चीन से केवल अन्य श्रमिक ही होते हैं।